Friday, 3 June 2011

बाबा रामदेव के साथ आया संघ

Source: bhaskar news 


नई दिल्ली.काले धन के मुद्दे पर भाजपा के अभियान को जनता में परवान न चढ़ता देख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दल-बल समेत बाबा रामदेव के साथ आ गया है। संघ में नंबर दो सुरेश जोशी ने देशभर की हर शाखा के नाम लिखे खुले पत्र में स्वयंसेवकों को हिदायत दी है कि वह अपने स्तर पर बाबा के आंदोलन में शरीक हों।

संघ की कार्यकारिणी के सदस्य राम माधव ने भास्कर को बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हर आंदोलन को संघ का समर्थन है। इस अभियान में भी स्वयंसेवक अपना योगदान जरूर देंगे। जबकि प्रमुख भाजपा दल भाजपा ने कहा है कि पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ हर पहल के साथ है।

चूंकि भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पहली दफा काले धन का मुद्दा गरमाया था लिहाजा, पार्टी के लिए अब उससे किनारा करना मुमकिन नहीं। मगर भाजपा राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुए इस मुद्दे पर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाना चाहती।

संघ व बाबा के बीच तालमेल की जिम्मेदारी केएन गोविंदाचार्य को सौंपी गई है। गोविंदाचार्य पिछले छह महीने इस अभियान में जुटे हैं। इसी महीने दिल्ली में काले धन पर सेमिनार में उन्होंने जमकर बाबा रामदेव की पहल की तारीफ की।

यही नहीं, बाबा रामदेव की ओर से काले धन के मुद्दे पर तमाम रिसर्च का जिम्मा भी गोविंदाचार्य का है। देश का कितना काला धन विदेशों में जमा है, इसपर भारत सरकार का रुख कैसा रहा, काले धन को वापस लाने के लिए क्या कानूनी कदम उठाने चाहिए, इस तरह के तमाम सवालों पर बाबा के बयान गोविंदाचार्य की मेहनत का ही नतीजा है।

गुरुवार को अभियान की तैयारियों में खुद डटे भाजपा के पूर्व थिंक-टैंक गोविंदाचार्य ने बताया कि बाबा की सरकार से बातचीत पर भी वह लगातार बाबा रामदेव से सलाह-मशविरा कर रहे हैं और आगे भी उनके कार्यक्रम की देख-रेख करते रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि संघ से जुड़े कम से कम 650 छोटे-बड़े स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता रामदेव के अभियान में शरीक होने देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले हैं।

इनकी तादाद चार से छह लाख होने की संभावना है। मालूम हो कि कुछ ही महीने पहले कर्नाटक के गुलबर्ग में आयोजित दस-दिनी कार्यक्रम में गोविंदाचार्य ने संघ के समर्थन से दस
लाख की भीड़ जुटा ली थी।

इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम से भाजपा के भी कान खड़े हो गए थे। यही वजह थी कि संघ ने भाजपा की कोशिशों को नाकाम होता देख गोविंदाचार्य को रामदेव के साथ आने का जिम्मा सौंप डाला।

बाकी दलों का रुख

बाबा रामदेव के अभियान को लेकर सरकार को बार-बार झुकता देख कई राजनीतिक दल सकते में हैं। सरकार के सहयोगी तृणमूल कांग्रेस व राकांपा के नेता इस बात से नाराज हैं कि सरकार के चार वरिष्ठ मंत्री बाबा से मिलने एयरपोर्ट क्यों पहुंच गए।

जबकि वाम दल, खासकर माकपा ने, खुद आधिकारिक बयान न देकर पार्टी से जुड़े स्वयंसेवी संगठनों को रामदेव के खिलाफ मोर्चा संभालने का इशारा कर दिया है। याद रहे कि पहली बार माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने कहा था कि रामदेव के आश्रम में तैयार दवाइयों में प्रतिबंधित मानव व पशु शरीर के अंश इस्तेमाल किए जाते हैं।

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