दिल्ली पुलिस ने आज शनिवार रात बाबा रामदेव के अनशन को समाप्त करने की कार्रवाई पर सफाई पेश की।
पढ़िए क्या कहा दिल्ली पुलिस ने प्रेस कांफ्रैंस में-
सबसे पहली बात तो यह है कि कल रात को ये हादसा इसलिए हुआ क्योंकि जब रामदेव के योग कैंप की परमीशन रद्द की गई और उनके यह बताने के लिए हमारे वरिष्ठ अधिकारी स्टेज पर गए तो मर्यादापूर्वक पुलिस के साथ बर्ताव करने के बजाए बाबा रामदेव भीड़ में अपने समर्थकों के बीच कूद गए। यदि बाबा रामदेव मर्यादा पूर्वक पुलिस की बात सुन लेते तो शायद
जो हुआ है वो नहीं होता।पढ़िए क्या कहा दिल्ली पुलिस ने प्रेस कांफ्रैंस में-
सबसे पहली बात तो यह है कि कल रात को ये हादसा इसलिए हुआ क्योंकि जब रामदेव के योग कैंप की परमीशन रद्द की गई और उनके यह बताने के लिए हमारे वरिष्ठ अधिकारी स्टेज पर गए तो मर्यादापूर्वक पुलिस के साथ बर्ताव करने के बजाए बाबा रामदेव भीड़ में अपने समर्थकों के बीच कूद गए। यदि बाबा रामदेव मर्यादा पूर्वक पुलिस की बात सुन लेते तो शायद
जो कुछ वहां हुआ सब मीडिया के सामने हुए है। लाइव रिकार्डिंग इसकी हो रही थी। पहले रामदेवजी के समर्थकों ने पथराव किया फिर पुलिस ने बल प्रयोग किया। सिर्फ आठ गैस के गोले दागे गए।
तीसरा आरोप यह है कि पुलिस ने महिलाओं के साथ बर्बरता की। यह सब कैमरा के सामने हो रहा था और किसी भी टीवी चैनल ने यह नहीं दिखाया है कि पुलिस ने महिलाओं के साथ बर्बरता की है। दिल्ली पुलिस के पास बड़ी तादाद में महिला पुलिस बल है। महिला पुलिस ने ही महिलाओं को वहां से हटाया।
बाबा रामदेव खुद ही जाकर महिलाओं के बीच पहुंच गए और उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वो उनके चारों और इकट्ठा हो जाए। महिलाओं और बुजुर्गों की आड़ रामदेव ने ली।
नहीं हुआ लाठीचार्ज
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने इस बात को जोर देकर कहा कि पूरी कार्रवाई के दौरान कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। सब कुछ मीडिया के कैमरों के सामने हो रहा था। यदि लाठीचार्ज हुआ होता तो मीडिया के पास उसकी फुटेज जरूर होती।
रामदेव ने किया माहौल खराब
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने रामदेव पर माहौल खराब करने के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि वहां जो कुछ हुआ उसके लिए रामदेव ही ज्यादा जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को चोट लगी है उनमें से ज्यादातर इटों और पत्थरों से घायल हुए हैं। बाबा के समर्थकों ने पहले से ही पथराव की तैयारी कर रखी थी और पत्थर इकट्ठा कर रखे थे।
बाबा की जान को खतरा था इसलिए उन्हें वहां से हटाया गया
हमारे पास पुख्ता जानकारी थी कि बाबा रामदेव और एक अन्य व्यक्ति (जिसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है) पर हमला कर देश का माहौल खराब किया जा सकता है। इसलिए बाबा की सुरक्षा के मद्देनजर ही उन्हें वहां से हटाने की कार्रवाई की गई।
रामदेव बाबा ने स्वयं ये कहा कि एक लाख से ज्यादा लोग अनशन में शामिल होंगे। रामलीला ग्राउंड की अपनी क्षमता है और लाखों लोग वहां पहुंच रहे थे और ज्यादातर अपने साथ बैग और सामान लेकर आ रहे थे। रामलीला मैदान में बन रहे माहौल के मद्देनजर वो किसी भी आतंकी घटना का आसान निशाना हो सकते थे। रामदेव की सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी थी और हम कोई भी खतरा नहीं उठा सकते थे।
राजनीति से प्रेरित नहीं थी रामदेव पर कार्रवाई पुलिस की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित होने पर किए गए सवालों का जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस पहले से ही यह कार्रवाई करने को तैयार थी। शाम होते-होते रामलीला मैदान का माहौल बेहद संवेदनशील हो गया था और उनकी जान को खतरा था। पुलिस ने जो भी किया वो माहौल को खराब होने से बचाने के लिए ही किया।
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