नई दिल्ली।। रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव को ठग बताया और कहा कि उनके साथ वही हुआ जो एक ठग के साथ होना चाहिए। सिंह ने 1994 से लेकर अब तक की बाबा की गतिविधियों की जांच की भी मांग की।
लोकपाल बिला का मसौदा बनाने की समिति में सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि के रूप में शामिल संतोष हेगड़े ने हालांकि दिग्विजय की बात से असहमति जताते हुए कहा कि अगर रामदेव ठग हैं तो सरकार के चार मंत्री उनकी अगवानी करने हवाई अड्डे क्यों गए थे और सरकार इतने
दिन से उनसे बात क्यों कर रही थी।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि अदालत के आदेश से राजधानी में अनशन के लिए जंतर मंतर नियत जगह है लेकिन रामदेव ने रामलीला मैदान में योग शिविर को अनशन में बदल दिया और इसलिए शायद प्रशासन को यह कार्रवाई करनी पड़ी।
सिंह ने बाबा पर ठगी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली आकर स्वामी शंकर के कुशल बाग आश्रम में शरण ली लेकिन उन्हें छोड़ दिया। खुद को योग सिखाने वाले बाबा करमवीर को भी उन्होंने ठगा। सिंह ने कहा कि रामदेव के गुरु गायब हैं इस बात की जांच होनी चाहिए।
दिग्विजय ने कहा, ' रामदेव ठग हैं और उनके साथ वही व्यवहार हुआ जो ठग के साथ होताहै। ' उन्होंने कहा कि रामदेव ने बिना किसी लाइसेंस के कैंसर जैसी बीमारी को दूर करने के वादे किए और अपने अनुयायियों, जनता को भी ठगा। सिंह ने कहा कि वह सरकार को भी ठगना चाहते थे।
कांग्रेस महासचिव सिंह ने कहा कि सरकार अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर उनसे बातचीत कर रही थी और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपना राजनीतिक करियर दांव पर लगाकर उनसे एयरपोर्ट पर मुलाकात की लेकिन रामदेव ने सरकार को भी ठगा। रामदेव ने कहा कि होटल में सरकार के साथ चर्चा में उन्होंने समझौता किया लेकिन जनता को अनशन करने के लिए कहते रहे और लोगों को भी ठगा।
दिग्विजय सिंह ने अनशन समाप्त करने के लिए महिलाओं और लोगों पर पुलिस की कार्रवाई के सवाल पर कहा कि यह काम प्रशासन का है और यहां की व्यवस्थाओं को संभालने के लिए उन्होंने ऐसा निर्णय लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि योग गुरु 1994 से 2011 तक लोगों को ठग बनाते रहे हैं और पिछले सात-आठ साल में उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति कैसे जुटा ली, इसकी जांच होनी चाहिए।
सिंह ने अपनी यह बात भी दोहराई कि बाबा का आंदोलन पहले दिन से आरएसएस द्वारा प्रेरित और नियंत्रित है। उन्होंने कहा, ' जब से संघ परिवार पर आतंकवाद के आरोप लगे हैं तब से वे ध्यान बांटने के लिए यह योजना बना रहे हैं। '
लोकपाल बिला का मसौदा बनाने की समिति में सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि के रूप में शामिल संतोष हेगड़े ने हालांकि दिग्विजय की बात से असहमति जताते हुए कहा कि अगर रामदेव ठग हैं तो सरकार के चार मंत्री उनकी अगवानी करने हवाई अड्डे क्यों गए थे और सरकार इतने
दिन से उनसे बात क्यों कर रही थी।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि अदालत के आदेश से राजधानी में अनशन के लिए जंतर मंतर नियत जगह है लेकिन रामदेव ने रामलीला मैदान में योग शिविर को अनशन में बदल दिया और इसलिए शायद प्रशासन को यह कार्रवाई करनी पड़ी।
सिंह ने बाबा पर ठगी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली आकर स्वामी शंकर के कुशल बाग आश्रम में शरण ली लेकिन उन्हें छोड़ दिया। खुद को योग सिखाने वाले बाबा करमवीर को भी उन्होंने ठगा। सिंह ने कहा कि रामदेव के गुरु गायब हैं इस बात की जांच होनी चाहिए।
दिग्विजय ने कहा, ' रामदेव ठग हैं और उनके साथ वही व्यवहार हुआ जो ठग के साथ होताहै। ' उन्होंने कहा कि रामदेव ने बिना किसी लाइसेंस के कैंसर जैसी बीमारी को दूर करने के वादे किए और अपने अनुयायियों, जनता को भी ठगा। सिंह ने कहा कि वह सरकार को भी ठगना चाहते थे।
कांग्रेस महासचिव सिंह ने कहा कि सरकार अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर उनसे बातचीत कर रही थी और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपना राजनीतिक करियर दांव पर लगाकर उनसे एयरपोर्ट पर मुलाकात की लेकिन रामदेव ने सरकार को भी ठगा। रामदेव ने कहा कि होटल में सरकार के साथ चर्चा में उन्होंने समझौता किया लेकिन जनता को अनशन करने के लिए कहते रहे और लोगों को भी ठगा।
दिग्विजय सिंह ने अनशन समाप्त करने के लिए महिलाओं और लोगों पर पुलिस की कार्रवाई के सवाल पर कहा कि यह काम प्रशासन का है और यहां की व्यवस्थाओं को संभालने के लिए उन्होंने ऐसा निर्णय लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि योग गुरु 1994 से 2011 तक लोगों को ठग बनाते रहे हैं और पिछले सात-आठ साल में उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति कैसे जुटा ली, इसकी जांच होनी चाहिए।
सिंह ने अपनी यह बात भी दोहराई कि बाबा का आंदोलन पहले दिन से आरएसएस द्वारा प्रेरित और नियंत्रित है। उन्होंने कहा, ' जब से संघ परिवार पर आतंकवाद के आरोप लगे हैं तब से वे ध्यान बांटने के लिए यह योजना बना रहे हैं। '
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