नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं ने योगगुरु बाबा रामदेव की चार जून से प्रस्तावित अनशन पर चर्चा की। हालांकि रामदेव को इस बात के लिए मनाने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास जारी हैं कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ चार जून से अपने प्रस्तावित आमरण अनशन को शुरू नहीं करें। रामदेव के अपने अनशन पर जाने पर अड़े रहने के बीच कांग्रेस कोर ग्रुप ने स्थिति से निपटने के
उपायों पर चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि कोर समूह की बैठक में यह तय हुआ है कि
बाबा रामदेव को अनशन पर जाने से किसी भी प्रकार से रोका जाए। इसके लिए सरकार अंतिम समय तक कोशिश जारी रखेगी। हालांकि कुछ सूत्र बता रहें हैं कि सरकार बाबा रामदेव के कुछ मांगों को स्वीकार करने के मूड में नहीं है इसलिए सरकार बाबा के इस अनशन को रोकने के लिए कुछ कठोर कदम भी उठा सकती है।
सूत्र बतातें है कि सरकार बाबा रामदेव को यह साफ तौर पर बता देना चाहती है किसरकार उनकी कुछ मांगों को किसी भी स्थिति में स्वीकार करने को तैयार नहीं है, जिसमें हजार औऱ पांच सौ के नोटों को बंद करने व प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे मतदाताओं से कराए जाने जैसी मांगें शामिल हैं। कांग्रेस कोर समूह की बैठक में सोनिया गांधी और मनमोहन के अलावा वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम और रक्षा मंत्री एके एंटनी, मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल के अलावे कई मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
सरकार भी मोर्चा लेने के लिए अंदर ही अंदर तैयार बाबा रामदेव के अनशन को रोकने के लिए सरकार ने भी अंदर ही अंदर तैयारियां
पूरी कर ली हैं। यदि बाबा रामदेव नहीं माने तो सरकार उनपर कार्रवाई कर सकती है। हालांकि बाबा रामदेव को अनशन से रोकने के लिए आज एक बार फिर बातचीत होगी। बातचीत में बाबा द्वारा सुझाए और सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से तैयार किये गए नए ड्रॉफ्ट पर चर्चा होगी। इस बातचीत में कपिल सिब्बल और सुबोध कांत सहाय ही शामिल होंगे और बाबा से मिलकर उनके सामने सरकार का फॉर्म्युला रखेंगे।
सूत्रों ने बताया कि बाबा को समझाया जाएगा कि उन्होंने अपने अनशन के ऐलान से ही सिद्ध कर दिया है कि उनका अनशन सफल रहा है और वो अनशन वापस ले लें। पर यदि बाबा फिर भी नहीं माने तो उसके बाद सरकार बाबा पर कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
उपायों पर चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि कोर समूह की बैठक में यह तय हुआ है कि
बाबा रामदेव को अनशन पर जाने से किसी भी प्रकार से रोका जाए। इसके लिए सरकार अंतिम समय तक कोशिश जारी रखेगी। हालांकि कुछ सूत्र बता रहें हैं कि सरकार बाबा रामदेव के कुछ मांगों को स्वीकार करने के मूड में नहीं है इसलिए सरकार बाबा के इस अनशन को रोकने के लिए कुछ कठोर कदम भी उठा सकती है।
सूत्र बतातें है कि सरकार बाबा रामदेव को यह साफ तौर पर बता देना चाहती है किसरकार उनकी कुछ मांगों को किसी भी स्थिति में स्वीकार करने को तैयार नहीं है, जिसमें हजार औऱ पांच सौ के नोटों को बंद करने व प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे मतदाताओं से कराए जाने जैसी मांगें शामिल हैं। कांग्रेस कोर समूह की बैठक में सोनिया गांधी और मनमोहन के अलावा वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम और रक्षा मंत्री एके एंटनी, मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल के अलावे कई मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
सरकार भी मोर्चा लेने के लिए अंदर ही अंदर तैयार बाबा रामदेव के अनशन को रोकने के लिए सरकार ने भी अंदर ही अंदर तैयारियां
पूरी कर ली हैं। यदि बाबा रामदेव नहीं माने तो सरकार उनपर कार्रवाई कर सकती है। हालांकि बाबा रामदेव को अनशन से रोकने के लिए आज एक बार फिर बातचीत होगी। बातचीत में बाबा द्वारा सुझाए और सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से तैयार किये गए नए ड्रॉफ्ट पर चर्चा होगी। इस बातचीत में कपिल सिब्बल और सुबोध कांत सहाय ही शामिल होंगे और बाबा से मिलकर उनके सामने सरकार का फॉर्म्युला रखेंगे।
सूत्रों ने बताया कि बाबा को समझाया जाएगा कि उन्होंने अपने अनशन के ऐलान से ही सिद्ध कर दिया है कि उनका अनशन सफल रहा है और वो अनशन वापस ले लें। पर यदि बाबा फिर भी नहीं माने तो उसके बाद सरकार बाबा पर कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
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